वानी

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तुम्हारा बाप महेंद्र सिंह है

चैप्टर 32 तुम्हारा बाप महेंद्र सिंह है

अब तक आपने पढ़ा मीरा महेंद्र का सिर फोड़ भाग जाती है और up चली जाती है लेकिन महेंद्र उसे ढूंढ लेता है और वहां उसके साथ जबरदस्ती करने लगता है


अब आगे

वो मीरा की कुर्ती की बाजू फाड़ देता है ,मीरा उससे छुटने की पुरी कोशिश कर रही थी.... मीरा को अपने कोच की कही बात याद आति है... ( जंग ताकत से नही दिमाग से जीती जाती है सोचो प्लेन करो फिर वार करो)  मीरा पहले उसे शांत करने की कोशिश करती है.... "महेंद्र आराम से मै कहीं भागी नही जा रही हु मेरे कपड़े तो मत फाडो मै कोपरेट कर रही हु ना".....

महेंद्र उसे घूरते हुए कहता है "तू सच कह रही है" मीरा हल्का सा मुस्कुराती और कहती है "मै अगर तुम्हारा साथ दूंगी तो मुझे ही तकलीफ कम होगी"

महेंद्र ने उसे अपने नीचे दबा रखा था.... मीरा अपना हाथ छुड़ाती है और उसके गले मे अपनी बाहें डाल देती है.... "अब अगर तुम थोड़ा हटो तो मै खुद तुम्हारी मदद कर देती हु"... महेंद्र कुछ पल उसे देखता है फिर उसके उपर से हट जाता है ,और उसे धमकी भरे लहजे मे कहता है "मझसे धोखा करने की कोशिश की तो याद रखना"

मीरा उठ कर एक कमरे मे चली जाती है महेंद्र भी उसके पीछे जाता है वो जैसे ही कमरे मे जाता है मीरा पीछे से उसके सर पे डंडा मार देती है.... महेंद्र वही बेहोश हो जाता है मीरा एक शॉल लेती है और राहुल को लेकर घर के पीछे वाले दरवाजे से निकल जाती है. . . . . .

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"प्रेसेंट् टाइम"

उसके बाद मैने वो जगह भी छोड़ दी बहुत सोचने के बाद मै दील्लि आ गई ताकि कोई मुझे ढूंढ ना पाए क्योंकि इस शहर से मेरा कोई लेना देना नही था और उस चोट ने राहुल की यादाश्त खो दी

फिर वो सिद्धार्थ को देखकर कहती है..

"तम्हारे पुरे परिवार को उस महेंद्र और उसके बाप ने जिंदा जला दिया लेकिन तुम्हारी दीदी बच गई थी क्योंकि वो उस वक़्त घर पर नही थी मुझे बहुत बाद मे पता चला की उस दिन उनकी हालत ऐसी क्यों थी.... क्योंकि महेंद्ध ने उनका रेप करवाया था गैंग रेप जिसके वजह से उनके बॉडी से बलीडिंग हो रही थी ये बात मुझे उनकी डायरी पढ़ने के बाद पता चली"....

मीरा की बात सुनके सब को एक शॉक लगा था सिद्धार्थ के आँखो से आँसु आ गए थे वो खुद को माज़बूत करता है और पूछता है "वो डायरी कहाँ है"... मीरा कहती है उसे मेरे पास रखने की इजाज़त नही थी इसलिए पढ़ने के बाद मैने उसे जला दिया मै उस डायरी मे लिखा एक लफ्ज़ नही भूल पाई उनकी डायरी का नाम ही मै थी.. "मेरी प्यारी मीरू"

"मीरू"

ये डायरी तुझे जब मिलेगी तब तक मै तुझे और इस दुनिया को छोड़ कर जा चुकी होंगी..ये डायरी पढ़ने के बाद इसे जला देना. मीरू तु बहुत छोटी है शायद मेरी बातो को अभी ना समझ पाए..

लेकिन मै तेरा दिमाग जानती हु तु याद ज़रूर रखेगी...

आज तुझे सारे राज़ बताती हु याद है तुझे तु मुझसे पूछती थी की मै परेशान क्यों रहती हु "क्योंकि मुझे प्यार हो गया था और पता है वो कौन है उसका नाम महेंद्र सिंह है"

..

बहुत प्यार करती थी मै उससे बहुत प्यार लेकिन उस प्यार मे एक गलती होगई मैने उसे खुद को सोम्प् दिया और जब मै प्रेग्नेंट हुई उसने उस बच्चे को अपनाने से मना कर दिया मैने बहुत रिक्वेस्ट की लेकिन उसने कहा मै कैरेक्टिलेस् हु और ये बच्चा किसी और का है .. मै अपने बच्चे को जनम देना चाहती थी मैने उसे जनम भी दिया

और जब ये बात महेंद्र को पता चली वो मेरे बच्चे को मारना चाहता है और उसका बाप यशवंत सिंह मेरे परिवार को क्योंकि ओबरोइस उनकी रायवल कंपनी है और उसके गलत काम को रोक रहे है...

महेंद्र को लगता था वो कंपनी मेरे नाम है इसलिए उसने मुझसे प्यार का नाटक किया लेकिन अब उसे पता है की वो कंपनी सिद्धार्थ के नाम है इसलिए वो उसे मारना चाहता है...

जानती है मीरू मै चाह कर भी उसे नही छोड़ पाई आज आखरी बार मै उससे मिलने गई थी और उसने मेरे साथ वो किया जो मै सोच भी नही सकती थी उसने मेरा गंगरपे करवाया ताकी मै उसे बता दु की राहुल कहाँ है..

मै उसे बचाना चाहती हु मीरू और मै चाहती हूं तु उसे बचा ले... जानती हु बहुत बड़ी कीमत मांग रही हु शायद तुझसे तेरी पूरी जिंदगी लेकिन उसे बचा ले मीरू..

मेरा भाई सिद्धार्थ बहुत भोला है उसकी दुनिया उसका दोस्त शौर्य और मै हु वो मेरी बात हमेशा मानता है अब मुझे किसी पर भरोसा नही रहा मीरू लेकिन तु

तुझपे तो मै सपने मे भी शक नही कर सकती मेरे परिवार को उस यशवंत ने मार दिया और मैंने खुद को तुने जो बोतल की दवा पिलाई है मुझे वो दवा नही ज़हर था ये राज़ मै अपने साथ ले जाती लेकिन मै जानती हु तुझे तु मुझे ढूंढने वापस ज़रूर आयेगी इसलिए मै तुझे ये सब बता रही हु वापस मत आना और क्या कहु मीरा तुझसे तेरे सपने और तेरा सबकुछ मांग लिया मैने लेकिन दो बच्चों को तेरे हवाले करती हु आज से उनकी ज़िम्मेदारी तेरी हुई और कहना मेरे बेटे से उसकी माँ उससे बहुत प्यार करती है बहुत ज़ादा प्यार..

और सिद्धार्थ से कहना माफ करदे मेरे भाई गलती होगई मुझसे.. ..

मीरू तुझसे बहुत प्यार करती हु अपना ध्यान रखना और मेरी अमानत का ध्यान रखना.....

"प्रेसेंट् टाइम"

मीरा नजरे झुकाए हुए कहती है "मैने उस दिन अपने घर फोन करवा दिया था की मीरा भी सिद्धार्थ के घर पे ही थी और अपने कान मे पहनी बाली उस आग मे डाल दी थी, उस दिन मीरा वही रह गई और उसी दिन श्रेया ने जनम लिया"

"राहुल की माँ निकिता है और उसके पापा महेंद्र सिंह यही कहानी है आज सबके सवाल का जवाब मैने दे दिया..तुम बड़े होगये हो सिद्धार्थ खुद को संभाल सकते हो और बदला ले सकते हो अगर तुम चाहो तो यहा रह सकते हो मै मना नही करूँगी"

मीरा खामोश हो गई थी और सब खामोश थे मीरा उठ कर जाने लगती है तभी सिद्धार्थ की आवाज़ आती है..

"मेरी बहन ऐसी नही थी जो सारी ज़िम्मेदारी तुम्हे ही दे गई हो कुछ तो मेरे लिए भी कहा होगा क्या उसका जवाब नही दोगी"

क्या कहानी बस इतनी ही है या मीरा कुछ और भी छिपा रही है? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी"

............ बाय बाय.........

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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